आजकल के हनुमान कहाँ से बचेंगे ? हे प्रभु ! हमारे जगत को इन अप्सराओं से बचाओ ! आजकल के हनुमान कहाँ से बचेंगे ? हे प्रभु ! हमारे जगत को इन अप्सराओं से बचाओ !
आज वे अपनी कार्यकुशलता से हर जगह इस संस्थान के यशोगान का परचम फहरा रहे हैं । आज वे अपनी कार्यकुशलता से हर जगह इस संस्थान के यशोगान का परचम फहरा रहे हैं ।
उसे उसके केबिन में धरती के समय अनुसार दो दिन रहना पड़ा। उसे उसके केबिन में धरती के समय अनुसार दो दिन रहना पड़ा।
कुछ महीनों बाद अचानक बड़ी साज- सज्जा के साथ मेरी सभी रचनाएं छप कर आ गईं। कुछ महीनों बाद अचानक बड़ी साज- सज्जा के साथ मेरी सभी रचनाएं छप कर आ गईं।